लोकसभा चुनाव-2019 के अंतर्गत दिल्ली की सातों सीटों पर 12 मई को मतदान होना है, जिसमें एक महीने का समय है। ऐसे में दिल्ली में कांग्रेस द्वारा अपने सातों उम्मीदवारों के ऐलान के साथ यहां पर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है।
ऐसा इसलिए क्योंकि आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ गठबंधन की संभावनाओं पर विराम लगते ही कांग्रेस ने अपना ट्रंपकार्ड भी खेल दिया है। पूर्वी दिल्ली सीट से पार्टी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को लोकसभा चुनाव लड़ाने का मन बना लिया है। ओलंपियन पहलवान सुशील कुमार दिल्ली में कांग्रेस का नया चेहरा होंगे। उन्हें दक्षिणी या पश्चिमी दिल्ली से चुनाव लड़वाया जा सकता है।
जानकारी के मुताबिक पूर्व सांसदों पर दांव खेलने की रणनीति के तहत बृहस्पतिवार शाम केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में पार्टी आलाकमान राहुल गांधी ने जहां तीन सीटों पर पूर्व सांसदों के नाम को हरी झंडी दे दी, वहीं एक सीट से पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान का टिकट तय कर दिया, लेकिन तीन सीटों पर आलाकमान ने अपना निर्णय अभी सुरक्षित कर लिया। हालांकि अपनी इच्छा उन्होंने जाहिर कर दी, जिसके अनुसार शुक्रवार को संभवत: इन तीनों सीटों के नाम भी तय हो जाएंगे।
सूत्रों के मुताबिक पूर्वी दिल्ली सीट से पूर्व सांसद संदीप दीक्षित के चुनाव लड़ने से मना कर देने पर राहुल गांधी ने शीला दीक्षित को यहां से मैदान में उतरने को कहा है। हालांकि शीला ने तुरंत हां न करते हुए, परिवार में सलाह मशविरा करने के लिए थोड़ा समय मांगा है।
सूत्र बताते हैं कि स्वयं आलाकमान का आग्रह होने के कारण शीला शुक्रवार को अपनी सहमति दे देंगी। शीला के इस सीट से उम्मीदवार बनने के बाद यहां से आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी आतिशी की राहें आसान नहीं होंगी, वहीं भाजपा को भी अपना उम्मीदवार घोषित करने के लिए पुनर्विचार करना पड़ सकता है।
विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक इसी तरह से राहुल गांधी ने पश्चिमी दिल्ली सीट से ओलंपियन सुशील कुमार को प्रत्याशी बनाने की इच्छा जताई। जबकि दक्षिणी दिल्ली से पूर्व सांसद रमेश कुमार के नाम पर एआइसीसी सचिव और दिल्ली के सह प्रभारी कुलजीत सिंह नागरा सहमत नहीं थे, इसलिए उनके नाम पर पेच फंस गया।
सूत्र बताते हैं कि सीईसी की बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी पीसी चाको के घर पर देर रात तक चली बैठकों में रणनीति बनी है कि पश्चिमी दिल्ली से पूर्व सांसद महाबल मिश्रा को ही टिकट दिया जाए क्योंकि उनकी वहां अच्छी पैठ है और दिल्ली में पार्टी का इकलौता पूर्वांचली चेहरा भी वही हैं।
लोकसभा चुनाव-2019 के तहत दिल्ली की सातों सीटों पर अगले महीने की 12 मई को मतदान होगा, ऐसे में आम आदमी पार्टी के बाद और भाजपा से पहले उम्मीदवार को ऐलान कर कांग्रेस ने बाजी मार ली है। बृहस्पतिवार शाम हुई पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में दिल्ली की सात में से चार लोकसभा सीटों के नाम तय कर दिए गए। हालांकि तीन नामों पर फैसला नहीं हो सका, लेकिन वह भी बहुत जल्द तय हो जाएंगे।
नामों के ऐलान के तहत पूर्व सांसद अजय माकन, कपिल सिब्बल, जेपी अग्रवाल और पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान दिल्ली से कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार होंगे। शुक्रवार को सभी सातों नाम अधिकृत रूप से घोषित कर दिए जाने के आसार हैं। कांग्रेस आलाकमान राहुल गांधी की अध्यक्षता में शाम छह से सात बजे के बीच करीब एक घंटा चली सीईसी की बैठक में नई दिल्ली से अजय माकन, चांदनी चौंक से कपिल सिब्बल, उत्तर पूर्वी दिल्ली से जयप्रकाश अग्रवाल और उत्तर पश्चिमी दिल्ली से राजकुमार चौहान के नाम पर जल्द ही मुहर लगा दी गई।
सीईसी की बैठक में निर्णय भी इसी के अनुरूप लिया गया। उत्तर-पश्चिमी दिल्ली सीट से पूर्व सांसद कृष्णा तीरथ चूंकि भाजपा में जा चुकी हैं, इसलिए पेच फंसा जबकि पूर्वी दिल्ली से पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने स्वयं ही चुनाव लड़ने से मना कर दिया, अन्यथा उनके नाम पर भी मुहर लगना तय था। पश्चिमी दिल्ली से पूर्व सांसद महाबल मिश्रा के नाम पर भी शुक्रवार तक हरी झंडी मिल जाने के प्रबल आसार हैं।
एआइसीसी महासचिव और दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने चार सीटों के नाम तय करने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि बाकी बची तीन सीटों के नाम भी जल्द तय कर लिए जाएंगे। इसके बाद शुक्रवार को सभी सातों सीटों के उम्मीदवारों के नामों की एक ही साथ घोषणा कर दी जाएगी। दूसरी तरफ चार सीटों के उम्मीदवारों की घोषणा होते ही पार्टी कार्यकर्ताओं का मंद पड़ा उत्साह भी फिर से बढ़ता नजर आया। इनके नाम सामने आते ही इन उम्मीदवारों के घर पर कार्यकर्ता बधाई देने के लिए पहुंचना शुरू हो गए।